Thursday, October 28, 2010
U fight,U warn,
U betrayed, U gone;
I shouted, I cried,
I broke when u lied,
U hold my hand and suddenly left,
U pushed me in sorrow's depth;
I pleaded I crushed;
U ignored, when my tears burst,
U avoided my broken heart,
Made me brittle,breakable in various parts;
U broke my dreams, U broke my trust,
In a soothing relation, u put all rust;
u made me awake from all night sleep,
u made me helpless, u made me weep;
My eyes searched for u to arrive,
But u didn't care even am I dead or alive;
Time passed but I kept on waiting,
"u will come" my lips kept on stating;
And finally u came with a rose in ur hand,
that day was happiest for me,on this land;
I found gift of love, which I save,
Atleast u put flower on my grave...
Atleast u put flower on my grave...
Sunday, October 24, 2010
ख्वाइशों के आईने में दाग नहीं लगते,
खुद को परखने का जस्बा चाहिए,
उड़ने के लिए पंख, ज़रूरी नहीं लगते,
बस मनन में एक होसला चाहिए.
अब कोई पहाड़ हमे पहाड़ नहीं लगते,
उसे लाँघ जाने का फरमान चाहिए.
जस्बात हो तो कांटे,कांटे नहीं लगते,
दिल में बस एक अरमान चाहिए,
निगलने को तो फलक भी बैठा है,
जो असमान को चीर दे, वो उड़न चाहिए...
हजारो बार हम मरते हैं....
बेवजह उन्से प्यार करते हैं....
कयल क्यू रखेगा कोई हमारा,
जब उन्हें पता ही नहीं प्यार किसे कहते हैं...
वो तो अपनी दुनिया में मस्त हो गए...
तो हम क्यू किसी को अपना कहने में डरते हैं....
लोगों को लगता है हम शयरण हैं...
पैर किसे पता,हम अपनी ही दस्ता कहते हैं....
बड़ी अजीब बात है,हम रोते हुए दस्ता सुनते हैं अपनी,
और लोग वह वह करते हैं......
क्यूँ आज मेरा दिल काश पे रुक जाता है,
काश के सहारे जीना ,ज़िन्दगी का मायना बनता जाता है.
काश की मैं जब कॉलेज से लौटती ,तो माँ मेरा इंतज़ार करती…
मैं माँ का हाथ पकड़ कर, सरे दिन का हाल बयां करती….
माँ की हाथ की चाय अब क्यूँ मुझे सुनहेरा सपना नज़र आता है…
क्यूँ मेरा दिल इस कदर काश पे रुक जाता है….
जहाँ पापा से बातें किये बिना मेरा दिन नहीं काटता था.
उनकी डांट क बिना सूरज आसमान पे नहीं चडता था…
उनसे मिलने को ये दिल कितना तरस जाता है….
क्यूँ मेरा दिल इस कदर काश पे रुक जाता है….
आज अपने ही आशियाने में , मेहमान से जाते हैं…
इन्सान तो एक बार मरता है, पर हम अपनो से बिछड़ के
बार बार मर जाते हैं….
काश मेरे इस कदम में भी पापा की उंगलिया साथ होती…
मेरी माँ का अंचल होता, तो ज़िन्दगी में भी क्या बात होती…
सच तो ये है..मैं आपके बिना कुछ भी नहीं…
मेरे कवाब कवाब नहीं, मेरी हकीकत हकीकत नहीं….
हँसना तो पड़ता है हमे, पर तन्हाई में आंखें रोती हैं …
क्यूँ दूर जाकर अहसास होता है… अपनों की कमी क्या होती है
ये सब कहते कहते…मेरे दिल पे तुफान सा छा जाता है…
इन नम आँखों के सहारे , कुछ और न बोला जाता है…
काश मेरी आवाज़ आपके साथ, वो भी आज सुन रहे होते…
पर क्यूँ ये काश हमेशा काश रह जाता है…
और आज फिर मेरा दिल काश पे रुक जाता है.
क्यूँ आज मेरा दिल काश पे रुक जाता है!
काश के सहारे जीना ,ज़िन्दगी का मायना बनता जाता है.
काश की मैं जब कॉलेज से लौटती ,तो माँ मेरा इंतज़ार करती…
मैं माँ का हाथ पकड़ कर, सरे दिन का हाल बयां करती….
माँ की हाथ की चाय अब क्यूँ मुझे सुनहेरा सपना नज़र आता है…
क्यूँ मेरा दिल इस कदर काश पे रुक जाता है….
जहाँ पापा से बातें किये बिना मेरा दिन नहीं काटता था.
उनकी डांट क बिना सूरज आसमान पे नहीं चडता था…
उनसे मिलने को ये दिल कितना तरस जाता है….
क्यूँ मेरा दिल इस कदर काश पे रुक जाता है….
आज अपने ही आशियाने में , मेहमान से जाते हैं…
इन्सान तो एक बार मरता है, पैर हम अपनो से भिचाद के
बार बार मर जाते हैं….
काश मेरे इस कदम में भी पापा की उंगलिया साथ होती…
मेरी माँ का अंचल होता, तो ज़िन्दगी में भी क्या बात होती…
सच तो ये है..मैं आपके बिना कुछ भी नहीं…
मेरे कवाब कवाब नहीं, मेरी हकीकत हकीकत नहीं….
हँसना तो पड़ता है हमे, पर तन्हाई में आंखें रोती हैं …
क्यूँ दूर जाकर अहसास होता है… अपनों की कमी क्या होती है
ये सब कहते कहते…मेरे दिल पे तुफान सा छा जाता है…
इन नम आँखों के सहारे , कुछ और न बोला जाता है…
काश मेरी आवाज़ आपके साथ, वो भी आज सुन रहे होते…
पर क्यूँ ये काश हमेशा काश रह जाता है…
और आज फिर मेरा दिल काश पे रुक जाता है.
KALPANA CHAWLA [ A homage to her discoveries]
There was a female,
Who was better than many males;
Karnal was her place,
Her identity was space;
In NASA she had approbation,
Where she gave eloquent oration;
In India, she was the highest crop,
Her success was on the top.
She was of only forty two years,
Left us to give out tears;
She dissolved with a spark,
After that everything became dark.
But it was not the end of her discoveries,
It is just the beginning, with her memories.
Follow your dream
No desire is hard to achieve,
No dream is too big to peeve;
Life is meant to be risky,
So live every moment its really frisky.
Allow every situation to learn and grow,
Leave the depression, its your biggest foe;
A dream should be a model,
For the goal you are searching for,
Don’t find it difficult, it will open your closed door.
The hope will support, the dream you watch.
So that in your life you never botch.
Make the heart and head to one,
To achieve your goal be stubborn.
Don’t measure the distance rest,
Just go on your way and give your best.
Always remember, what you want to do in life?
Success will touch your feet and joy will rife.
Follow your dream, follow your heart,
The life will smile the joy will restart.
मुझे कविता लिखना पसंद है… इन्हें कविता पढ़ना बिलकुल पसंद नहीं…. इसलिए अक्सर इनसे नाराज़ होकर इन्हीं की शिकायत… पन्नों में उतार देती हूँ… जान...
-
Haan main galat thi …. Laga tha mujhe mar jaungi teri rusvaiyon ke bad, Dil bhi dhadakna chod dega , teri parchhiyon ke ...
-
A broken girl trying to be strong, She wakes at night long very long, A pool of tears which she hides, A broken dream on whic...