Tuesday, June 2, 2020

सोनू सूद

सुदंर सूरत
और अत्यंत सुंदर सीरत, की मूरत,
जिसने जाना दुःख से रोते, बिलखते,
आज हर गरीब की ज़रुरत।

मंदिर के दरवाज़े जब हो गए थे बंद,
भगवान बनकर लोगो के बीच, प्रकट हुए थे  ये खुद,
जब हम में से कुछ लोग, कुछ धन दान देकर, बैठे रहे अपने घरो में,
ये इंसान, उन हताश बेसुध लोगो के लिए, खुद सड़को पे रहा मौजूद।

आज हर माँ
आप सी संतान चाहेगी;
आप सा आचरण,
अपने बच्चे को सिखाएगी;

जो आपने  मिलवा दिया आज,
इन लाखों परिवारों को,
ये सम्पूर्ण भारत लेगा प्रेरणा,
देख कर आप के विचारो को,

आज आपकी  निऱ्स्वार्थ, निष्ठा से,
वो गरीब, झूम रहा ख़ुशी से कूद ;
हम सबका बहुत बहुत, अभिवंदन स्वीकार करिये ,
दिल के सबसे धनी, आदरणीय सोनू सूद!




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